इस्रायल और ईरान संघर्ष: कारगिल युद्ध में इस्रायल ने भारत की मदद की थी, अब भारत क्या करेगा? हवाई सुरक्षा पर बढ़ता दबाव, भारत की भूमिका पर सबकी नजर

इस्रायल की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर संकट
तेल अवीव: ईरान के खिलाफ हमलों को लेकर इस्रायल अब बड़ी मुश्किल में फंसता दिख रहा है। इस्रायल के पास लंबी दूरी की मिसाइल रोकथाम प्रणाली (मिसाइल इंटरसेप्टर) की आपूर्ति तेजी से कम हो रही है। इस वजह से इस्रायल की हवाई सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से इस्रायल को लगातार हवाई हमलों का सामना करना पड़ रहा है। ईरान ने इस्रायल पर हमले जारी रखे हैं, जिससे इस्रायल को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
अमेरिकी मदद न मिलने पर इस्रायल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस्रायल की हवाई सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। अगर अमेरिका मदद नहीं करता, तो इस्रायल के लिए हवाई हमलों से निपटना मुश्किल हो सकता है। इस्रायल और ईरान के बीच जारी मिसाइल हमलों के बीच यह रिपोर्ट सामने आई है।
कारगिल युद्ध में इस्रायल ने भारत की मदद की थी, अब भारत क्या करेगा?
कारगिल युद्ध के दौरान इस्रायल ने भारत को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की थी। इसलिए, अब जब इस्रायल मुश्किल में है, तो भारत की भूमिका पर सभी की नजर है। क्या भारत इस्रायल की मदद करेगा? यह सवाल अब चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस्रायल की हवाई सुरक्षा प्रणाली पर क्या है स्थिति?
इस्रायल की हवाई सुरक्षा प्रणाली में आयरन डोम, डेविड स्लिंग, एरो सिस्टम और अमेरिका द्वारा दी गई पैट्रियट व थाड बैटरी शामिल हैं। दुश्मन की मिसाइलों और ड्रोन्स को रोकने के लिए इन प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इन पर होने वाला खर्च बहुत ज्यादा है। सिर्फ एक रात में ही करीब 285 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 2,370 करोड़ रुपये) का खर्च आता है।
ईरान रोज इस्रायल पर मिसाइल दाग रहा है
ईरान रोजाना इस्रायल पर बैलेस्टिक मिसाइलें दाग रहा है, जिससे इस्रायल की हवाई सुरक्षा प्रणाली पर भारी दबाव पड़ रहा है। अमेरिका की मदद मिलने पर ही इस्रायल अपनी हवाई सुरक्षा प्रणाली को पूरी क्षमता से चला पाएगा। अगर अमेरिका ने मदद नहीं की, तो इस्रायल के लिए हालात और मुश्किल हो सकते हैं।
निष्कर्ष
इस्रायल और ईरान के बीच जारी तनाव ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस्रायल की हवाई सुरक्षा प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है, और अमेरिका की मदद के बिना इस्रायल के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो सकता है। वहीं, भारत की भूमिका को लेकर भी चर्चा जारी है। आने वाले दिनों में इस मामले में और विकास हो सकते हैं।