Saraswat Bank Merger l New India Co-operative Bank सारस्वत बैंक का बड़ा फैसला: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का होगा विलय, जमाकर्ताओं को पूरी सुरक्षा का भरोसा

मुंबई में मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि देश का सबसे बड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, सारस्वत बैंक, स्वेच्छा से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (NICBL) के साथ विलय के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से संपर्क कर चुका है। यह विलय दोनों बैंकों के शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगा।

New india Co-operative bank मजबूत भविष्य की ओर एक और कदम

यह विलय अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे सारस्वत बैंक की ग्राहक संख्या बढ़ेगी, ब्रांच नेटवर्क का विस्तार होगा और परिचालन क्षमताएं और मजबूत होंगी। विलय के बाद सारस्वत बैंक NICBL की सभी संपत्तियों और दायित्वों को संभालेगा और सभी जमाकर्ताओं को पूर्ण सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी।

सारस्वत बैंक: एक सदी पुरानी विरासत

सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की स्थापना को 100 साल से अधिक हो चुके हैं और यह भारत का सबसे बड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक है। विश्वास, ईमानदारी और सेवा की नींव पर खड़ा यह बैंक 31 मार्च 2025 तक देश के 8 राज्यों—महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश—में 312 शाखाओं और 303 एटीएम के नेटवर्क के साथ काम कर रहा है।

बैंक ने ₹91,814 करोड़ का कुल व्यापार दर्ज किया है, जिसमें ₹55,481 करोड़ की जमा राशि और ₹36,333 करोड़ के अग्रिम शामिल हैं। साथ ही, बैंक ने ₹518.25 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। एनपीए के मामले में भी बैंक ने शानदार प्रदर्शन किया है—ग्रॉस एनपीए 2.25% और नेट एनपीए लगातार तीसरे साल शून्य पर है। बैंक का सीआरएआर (CRAR) 17.43% है।

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की स्थिति

31 मार्च 2025 तक न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ने ₹2,397.85 करोड़ की जमा राशि और ₹1,162.67 करोड़ के अग्रिम दर्ज किए, जिससे कुल व्यापार ₹3,560.52 करोड़ रहा। हालांकि, बैंक की नेट वर्थ -₹102.74 करोड़ रही, जो वित्त वर्ष 2024–25 के ऑडिटेड खातों के अनुसार है। NICBL की कुल 27 शाखाएं हैं—17 मुंबई में, 6 ठाणे और पालघर में, 2 सूरत में और एक-एक पुणे व नवी मुंबई में।

पिछली सफल कहानियां और जमाकर्ताओं की सुरक्षा

सारस्वत बैंक की विशेषता रही है कि वह कमजोर वित्तीय स्थिति वाले सहकारी बैंकों का अधिग्रहण कर उन्हें पुनर्जीवित करता है। बैंक पहले भी मराठा मंदिर को-ऑपरेटिव बैंक, मंडवी को-ऑपरेटिव बैंक, अण्णासाहेब कराळे जनता सहकारी बैंक, मुरगराजेन्द्र सहकारी बैंक, नासिक पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक, साउथ इंडियन को-ऑपरेटिव बैंक और कोल्हापुर मराठा सहकारी बैंक का सफलतापूर्वक अधिग्रहण कर चुका है।

इन अधिग्रहणों के जरिए बैंक ने 8 लाख से अधिक जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा की और इन बैंकों का सम्मिलित व्यापार 5 वर्षों में ₹1,900 करोड़ से बढ़ाकर ₹9,200 करोड़ तक पहुंचाया।

फिर एक बार भरोसे की मिसाल

NICBL के जमाकर्ताओं की मदद के लिए आगे आकर सारस्वत बैंक ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह सहकारी आंदोलन और वित्तीय समावेशन के सिद्धांतों के लिए पूरी तरह समर्पित है। बैंक NICBL के ग्राहकों का स्वागत करने और जिम्मेदार बैंकिंग की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है

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