
ईरान-अमेरिका तनाव: इराक में अमेरिकी एयरबेस पर जबरदस्त मिसाइल हमला
तेहरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला कर दिया है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) ने इराक के पश्चिमी हिस्से में स्थित अमेरिकी एयरबेस ‘ऐन अल-असद’ पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं पर किए गए हमले का जवाब है।
क्यों हुआ यह हमला?
अमेरिका ने पहले ईरान की प्रमुख परमाणु साइट्स (नतांज, फोर्दो और इस्फहान) पर हवाई हमले किए थे।
ईरान ने इसे अपनी “रेड लाइन” का उल्लंघन बताया और बदले की कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
IRGC ने इस हमले को “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस” नाम दिया है।
हमले का असर: इराक और अमेरिका की प्रतिक्रिया
इराक की सरकार ने जताई नाराजगी
इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सूदानी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह इराक की संप्रभुता का उल्लंघन है। उन्होंने ईरान से अपने क्षेत्र का उपयोग न करने की मांग की।

अमेरिका ने दी यह प्रतिक्रिया
अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने पुष्टि की कि मिसाइलें ऐन अल-असद एयरबेस के आसपास गिरीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्थिति पर नजर रखने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई।
व्हाइट हाउस ने कहा, “हम ईरान की इस आक्रामक
कार्रवाई का जवाब देंगे।”
क्या होगा आगे? मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा?
विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला ईरान और अमेरिका के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। अगर अमेरिका जवाबी कार्रवाई करता है, तो पूरे मध्य पूर्व में युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं।

ईरान की चेतावनी: “और हमले होंगे”
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर अमेरिका ने कोई और कार्रवाई की, तो वे और भी बड़े पैमाने पर हमले करेंगे। IRGC के कमांडर ने कहा, “हमारे पास अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ और भी शक्तिशाली हथियार हैं।”
निष्कर्ष: क्या शुरू होगा नया युद्ध?
ईरान का यह हमला स्पष्ट संकेत देता है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है। अगर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ता है, तो मध्य पूर्व में एक बड़ा संघर्ष शुरू हो सकता है। दुनिया भर की नजरें अब अमेरिका की अगली चाल पर टिकी हैं।
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